वायरल बुखार एक ऐसा बुखार है जो किसी को भी हो सकता है चाहे वो एक छोटा बच्चा हो या तंदरुस्त व्यस्क | यह एक संक्रमण होता है जो छोटे छोटे जीवों मतलब वायरस की वजह से होता है | यह वायरस शरीर की कोशिकाओं में घुस के खुद की संख्या बढ़ाते हैं | यह वायरस शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है | आमतौर पर इसमें शरीर का तापमान बढ़ जाता है और अन्य परेशानिया हो सकती हैं जैसी की थकान, बेचैनी, सर्दी, खांसी, सर दर्द, पेट दर्द आदि | इस ब्लॉग के माध्यम से हम वायरल बुखार का रामबाण इलाज पता करेंगे और जानेंगे की यह क्यों होता है, इसके क्या-क्या लक्षण हैं और इसको शै करने के घरेलु उपाय क्या हैं |
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वायरल बुखार क्या है ?
वायरल बुखार को बड़ी बीमारी नहीं है, बल्कि ऐसा बुखार है जो आमतौर पर विभिन्न प्रकार के वायरस के कारण होता है | यह तब होता है जब शरीर में वायरस का होने का पता लगता है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है | शरीर का तापमान बढ़ने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सक्रिय हो जाती है | यह बढ़ा हुआ तापमान वायरस के लिए प्रतिकूल वातावरण बनता है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है |
वायरल बुखार होने के कारण
वायरल बुखार का रामबाण इलाज जाने से पहले हम यह जानेंगे की यह होता किस कारण से है | ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं जिससे वायरल बुखार होता है जैसे की :
- मौसम में बदलाव : जब मौसम में बदलाव होता है तब हमारा शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है | इससे वायरस शरीर में घुसने का मौका मिल जाता है और वायरल बुखार हो जाता है |
- कमजोर इम्यून सिस्टम : अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत नहीं है तो वायरस सरलता से हमला कर सकता है जिससे वायरल बुखार होने की संभावना हो सकती है |
- गंदे पानी या भोजन का सेवन : गंदा पानी पीने या सड़क के किनारे का खाना खाने से वायरस फैल सकते हैं | यह वायरस आपके शरीर में जाके आपको वायरल बुखार का शिकार बना सकते हैं |
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना : यदि आप ऐसे व्यक्ति के आस-पास रहते हैं जो पहले से ही बीमार है तो वायरल बुखार बहुत तेजी से फैल सकता है | उस व्यक्ति का संक्रमण आपको भी हो सकता है |
- मच्छर के काटने से : डेंगू या चिकेनगुनिया जैसे कुछ वायरल बुखार मच्छरों के काटने की वजह से भी हो सकते हैं | उनके काटने से खून में वायरस फैल जाता है |
वायरल बुखार के लक्षण
जब वायरल बुखार होता है तो शरीर में उसके लक्षण दिख जाते हैं | वायरल बुखार के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन कुछ संकेत सामान्य होते हैं जैसे की :
- उच्च तापमान : वायरल बुखार होने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और 100°F से ऊपर चला जाता है |
- सर दर्द और बदन दर्द : यह बुखार होने से सर में हल्का या तेज दर्द बना रह सकता है | इसके अलावा पुरे शरीर में, मांसपेशिओं में और हड्डियों में भी दर्द महसूस हो सकता है |
- थकान और कमजोरी : वायरल बुखार में शरीर आराम करने के बाद भी थका हुआ और कमजोर महसूस होता है | इससे शरीर में आलस भी आ जाता है |
- गले में खराश और खांसी : वायरल बुखार के दौरान गले में खराश और हल्की खांसी जैसे लक्षण सामान्य हैं। खांसी के दौरान गले में दर्द भी महसूस हो सकता है |
- नाक बहना या बंद होना : वायरल बुखार में जुखाम हो जाता है जिससे नाक बहने लगती है और बंद भी हो जाती है | यह लक्षण आपको आमतौर पर महसूस होते ही हैं |
- ठंड लगना और कंपकंपी : इसमें शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे ठण्ड लगने लगती है और कभी-कभी शरीर कांपने लगता है |
- भूख में कमी : कभी कभी पेट में समस्याएं हो जाती है जैसे की उलटी होना, जी मचलना और दस्त लगना | इसके कारण भूख कम लगती है |
- लाल और सूजी हुई आँखें : वायरल बुखार में आँखें लाल हो जाती हैं, सूजी हुई लगती हैं, कमजोर महसूस होती हैं और कभी-कभी आँखों में जलन भी महसूस होती है |
ये लक्षण आमतौर पर 3 – 7 दिन तक रहते हैं | अगर बुखार एक हफ्ते से ज्यादा रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है |
घरेलू उपचार से वायरल बुखार का रामबाण इलाज
कई लोग दवाइओं का सहारा लेने से पहले घरेलु उपचार करना पसंद करते हैं | यहाँ कुछ आसान और असरदार घरेलु उपाय दिए गए हैं जो वायरल बुखार का रामबाण इलाज करने में मदद कर सकते हैं :
- तुलसी के पत्ते : तुलसी को एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना जाता है | तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें, उसमे थोड़ी अदरक और शहद मिलाएं और खूब गर्म करें | फिर उसे हल्का गर्म पियें | इससे बुखार कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है |
- गिलोय जूस : गिलोय बुखार कम करने में बहुत मददगार होता है | एक चम्मच गिलोय का रास पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार पिएं | इसे वायरल संक्रमण के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक माना जाता है |
- हर्बल काढ़ा : तुलसी, काली मिर्च, अदरक और लौंग से बना काढ़ा एक प्राकृर्तिक औषधि की तरह काम करता है | यह गले को साफ़ करता है, खांसी काम करता है और बुखार कम करता है |
- हाइड्रेशन : वायरल बुखार में शरीर से बहुत सारा पानी निकल जाता है | नारियल पानी, नींबू पानी, साफ़ सूप और गर्म हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थ खूब पिएँ | हाइड्रेट रहने से विषत्क पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है |
- हल्का भोजन : खिचड़ी, दाल-चावल या सब्जियों का सूप जैसा सादा खाना खाएँ | तैलीय, तले हुए या मसालेदार भोजन से बचें क्योंकि जब आपका शरीर पहले से ही कमजोर है तो उसे पचाना मुश्किल होता है |
- ठंडा सेक : अगर बुखार तेज हो जाये, तो एक मुलायम कपडे को ठंडे पानी में भिगोकर माथे, बगल या पैरों पर रखें | इसमें बुखार स्वाभाविक रूप से कम होने में मदद मिलती है |
- आराम करें : वायरस से लड़ने के लिए शरीर में ऊर्जा की जरुरत होती है | जितना हो सके पर्याप्त आराम करें और अच्छी नींद लें | लंबे समय तक मोबाइल या टीवी देखने से बचें और अपने शरीर को ठीक होने दें |
वायरल बुखार के समय सावधानियाँ
वायरल बुखार के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान जरूर रखें :
- जंक या सड़क किनारे मिलने वाला खाना न खाएं |
- अपने हाथ नियमित रूप से धोएं |
- ठंडे पेय या रेफ्रिजरेट वाली वस्तुओं से बचें |
- 103°F से ऊपर तेज बुखार को नजरअंदाज न करें |
- संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें |
अंतिम शब्द
वायरल बुखार सामान्य है, लेकिन यह बहुत थका देता है | अच्छी बात यह है की ज्यादातर मामलों में वायरल बुखार का रामबाण इलाज करने के लिए उचित आराम, गर्म पानी और कुछ आसान घरेलु नुस्खों ही काफी होते हैं | तुलसी, गिलोय, काढ़ा और उचित आहार वायरल बुखार के लिए रामबाण इलाज की तरह काम कर सकते हैं | फिर भी, अपनी सेहत को कभी नजरअंदाज न करें | अगर बुखार बहुत तेज हो या देर तक रहे, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें | समय पर इलाज कराने से न सिर्फ आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है, बल्कि आगे की परेशानियों से भी बचाव हो सकता है | स्वस्थ रहें, अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का ध्यान रखें और याद रखें की बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है |
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